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Tuesday 11 October 2011

चौदहवीं का चाँद और लखनऊ

गुरुदत्त फिलम्स के बैनर तले एम० सादिक द्वारा निर्देशित सन 1960 में बनी फिल्म "चौदहवीं का चाँद" की पटकथा न केवल लखनऊ की पृष्ठ भूमि पर है बल्कि इसकी अधिकांश शूटिंग भी लखनऊ की सरज़मीं पर हुई.. फिल्म की पटकथा तबीश सुल्तानपुरी द्वारा लिखित है जबकि गीतकार थे मशहूर शायर शकील बदायूँनी और संगीत दिया संगीतकार रवि ने... फ़िल्म के प्रमुख कलाकार थे गुरुदत्त, वहीदा रहमान, जानीवाकर, रहमान, टुनटुन इत्यादि... इस फ़िल्म में शकील साहब का लिखा और बेमिसाल गायक मोहम्मद रफ़ी द्वारा सुरों में तराशा गया गीत "ये लखनऊ की सरज़मीं" बहुत प्रसिद्ध हुआ...

ये लखनऊ की सरज़मीं
ये लखनऊ की सरज़मीं

ये रंग रूप का चमन
ये हुस्न-ओ-इशक का वतन
यही तो वो मुक़ाम है
जहाँ अवध की शाम है
जवाँ जवाँ हंसीं हंसीं
ये लखनऊ की सरज़मीं

शबाब-ओ-शेर का ये घर
ये अह्ल-ए-इल्म का नगर
है मंज़िलों की गोद में
यहाँ हर एक रह-गुज़र
ये शहर लालदार है
यहाँ दिलों में प्यार है
जिधर नज़र उठाइये
बहार ही बहार है
कली कली है नाज़नीं
ये लखनऊ की सरज़मीं

यहाँ की सब रवायतें
अदब की शाहकार हैं
अमीर अह्ल-ए-दिल यहाँ
ग़रीब जाँ-निसार हैं
हर एक शाख पर यहाँ
हैं बुलबुलों के...

www.youtube.com
Song. Ye Lucknow Ki Sar Zameen (Mohd Rafi Sahab). Film......Chaudvin Ka Chand.

From http://www.facebook.com/meralucknowmerijaan 

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